Samajhdari Shayari are quotes that make a person Samajdar, a person who can understand the feelings of others, and know what to say where to say how to say and when to say, where to be silent. sometimes we don’t know to what to do in that situation, so firstly keep calm and cool and think about the goal if the action is helping in the goal then you should do else ignore that. this is called Shamajhdari
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आप अपने शब्दों को चाहे जितनी समझदारी से बोलिये लेकिन सुनने वाला अपनी योग्यता और अपने मन के विचारों के अनुसार ही उसका मतलब निकलता है
ख़ामोशी समझदारी भी है मजबूरी भी , कंही नजदीकियां बढ़ाती है कंही दूरियां।
जिस चीज के लिए आज तुम परेशान हो , हो सकता है कि कुछ समय बाद उसके होने ना होने से आपको कोई फर्क ही ना पड़े ।
Stress is directly proportional to the distance between Reality and Expectations.
सुंदरता वो नहीं होती जो आईने में दिखाई देती है
सुंदरता वो होती है जो महसूस की जाती है ।
आपका सदव्यवहार, नैतिकता आपके महान होने की परिचायक है ।
सोचना जरूर हर उस फैसले से पहले अगर जरुरी नहीं था तो हम उससे जुड़े ही क्यों थे ।
People like to join you only when you have something to give them
Whether it is love or money.
फैसले बता देते है फासले कितने थे दिलों में यूँ दिलों की दूरी का कोई पैमाना नहीं होता ।
अपना ध्यान लक्ष्य पर केंद्रित करो समस्याओं पर नहीं ।
दूसरों की सहायता के भरोसे रहना खुद को अपंग बनाने का प्रमुख कारण है ।
अगर किसी ने आपसे कुछ गलत कहा है तो बार बार ना सोचें
आप खुद का सुधार करते रहें बाकी वक़्त के ऊपर छोड़ दें ।
आज हर व्यक्ति को ईमानदार व्यक्ति की आवश्यकता है बहुत अच्छा स्कोप है ईमानदारी का ।
कई बार शब्दों की अपेक्षा ख़ामोशी की आवाज ज्यादा ऊंची होती है
हर बात को शब्दों से नहीं कहा जा सकता अक्सर खामोशियाँ भी बहुत कुछ जाहिर कर देती है ।
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ज्ञान का घमंड सबसे बड़ी अज्ञानता हैं, एवं अपने अज्ञानता की सीमा को जानना ही सच्चा ज्ञान हैं.
महान बनने की चाहत तो हर एक में हैं, पर पहले इंसान बनना अक्सर लोग भूल जाते हैं
समझदार व्यक्ति को दूसरों के बल पर साहस नहीं करना चाहिए ~ चाणक्य
किसी मूर्ख व्यक्ति के लिए किताबें उतनी ही उपयोगी हैं जितना कि एक अंधे व्यक्ति के लिए आईना. ~ चाणक्य
समझदारी इसी में है कि कभी भी उस व्यक्ति पर पूरा भरोसा मत कीजिये जिससे आप एक बार धोखा खा चुके हों
लगता है हम ही अकेले हैं समझदार, हर बात हमें ही समझाई जा रही है
समझदारी की बात सिर्फ दो ही लोग करते है एक वो जिसकी उम्र अधिक हो एक वो जिसने बहुत कम उम्र में बुरा वक़्त देखा हो
अब समझ लेता हूँ मीठे लफ्जों की कड़वाहट हो गया है जिंदगी का तजुर्बा थोड़ा थोड़ा
मेरी समझदारी को मेरी बेफ़कूफी न समझना क्योंकि बेबकूफ़ियों से ही हम समझदार बनते है
समझदारी से हर दिन लिए गए छोटे छोटे एक्शन आपको कब सफलता तक पहुंचा देंगे आपको पता भी नहीं चलेगा
लोगों को शब्दों से नहीं उनके Actions से पहचानें क्योंकि शब्दों से तो कोई झूठ भी बोल सकता है